Karwa Chauth 2025: प्रेम, तपस्या और चांद की प्रतीक्षा — जानिए कब दिखेगा चांद, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Karwa Chauth 2025: प्रेम, आस्था और चंद्रमा की प्रतीक्षा का पर्व

आज देशभर में करवा चौथ 2025 (Karwa Chauth 2025) का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सुहागन महिलाएं सजे-धजे वस्त्रों में, हाथों में मेंहदी और थाल में दीपक सजाए, अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।

यह पर्व न केवल प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि स्त्री की आस्था और तपस्या का भी उदाहरण है। चूड़ियों की खनक, सोलह श्रृंगार, और चांद की एक झलक — यही इस दिन की आत्मा है।


आज का सबसे बड़ा सवाल: कब दिखेगा चांद?

खगोलशास्त्रियों और पंचांग के अनुसार, करवा चौथ 2025 पर चंद्रमा का उदय समय रात 8:12 बजे के आसपास रहेगा। हालांकि, शहर और मौसम के अनुसार यह समय कुछ मिनट आगे-पीछे हो सकता है।

महिलाएं चांद के दर्शन के बाद अर्घ्य देकर और पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ती हैं।


तिथि, नक्षत्र और योग (10 अक्टूबर 2025 के अनुसार):

  • चतुर्थी तिथि: रात 8:03 बजे तक
  • पंचमी तिथि आरंभ: रात 8:04 बजे से
  • कृतिका नक्षत्र: शाम 5:31 बजे तक, उसके बाद रोहिणी नक्षत्र
  • योग: सिद्धि योग शाम 5:41 बजे तक, फिर व्यतीपात योग
  • चंद्रमा की स्थिति: वृष राशि में (इस दिन चंद्रमा उच्च स्थिति में होता है)

शुभ-अशुभ मुहूर्त:

मुहूर्तसमयमहत्व
अभिजित मुहूर्त11:50 AM – 12:37 PMसभी शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम
अमृत काल3:21 PM – 4:47 PMअत्यंत शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त4:49 AM – 5:37 AMपूजा-पाठ और ध्यान के लिए श्रेष्ठ
राहुकाल10:40 AM – 12:08 PMअशुभ समय
गुलिक काल7:45 AM – 9:13 AMसामान्य कार्यों के लिए मध्यम
यमगण्ड काल4:24 PM – 5:10 PMनकारात्मक समय

दिनभर के चौघड़िया मुहूर्त:

  • 6:00 – 7:30 AM: चर (सामान्य कार्यों के लिए ठीक)
  • 7:30 – 9:00 AM: लाभ (लाभकारी कार्यों के लिए उत्तम)
  • 9:00 – 10:30 AM: अमृत (बहुत शुभ समय)
  • 10:30 – 12:00 PM: काल (अशुभ)
  • 12:00 – 1:30 PM: शुभ (सकारात्मक कार्यों के लिए)
  • 1:30 – 3:00 PM: रोग (कष्टदायक)
  • 3:00 – 4:30 PM: उद्वेग (अस्थिर समय)
  • 4:30 – 6:00 PM: चर (सामान्य कार्यों के लिए)

करवा चौथ पूजा विधि:

  1. सुबह स्नान करके व्रत संकल्प लें।
  2. शाम को करवा माता, भगवान शिव, पार्वती और गणेश जी की पूजा करें।
  3. सोलह श्रृंगार करें और कथा वाचन सुनें।
  4. थाली में दीपक, करवा, पानी का लोटा, चावल, मिठाई आदि सजाएं।
  5. चंद्रमा के दर्शन के बाद अर्घ्य अर्पित करें और पति के हाथ से जल ग्रहण करके व्रत तोड़ें।

आज के उपाय:

  • सुहागन महिलाओं को श्रृंगार का सामान भेंट करें — जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर आदि।
  • माता पार्वती को सिंदूर और सोलह श्रृंगार अर्पित करें।
  • पति की लंबी उम्र के लिए “ॐ उमामहेश्वराय नमः” मंत्र का जाप करें।
  • परिवार में सुख-शांति के लिए शाम को दीपदान करें।

आस्था और प्रतीक्षा का पर्व

करवा चौथ का व्रत सिर्फ पति-पत्नी के रिश्ते का नहीं, बल्कि विश्वास और समर्पण की भावना का प्रतीक है। यह दिन बताता है कि सच्चा प्रेम न केवल शब्दों से, बल्कि संयम, त्याग और तपस्या से भी व्यक्त किया जा सकता है।

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